नाथ संप्रदाय के जनक गुरु गोरखनाथ जी के बारे में प्रचार प्रसार करना।
नाथ संप्रदाय का सर्वांगीण विकास करने का प्रयास करना ।
नाथ संप्रदाय के लोगों को संगठन का महत्व समझा कर संगठित होने के लिए प्रेरित करना।
मध्यप्रदेश में नाथ संप्रदाय आयोग और उसका एक मुख्यालय भोपाल में बनानेका मध्यप्रदेश शासन से मांग करना।
नाथ संप्रदाय के लोगों के लिए एक ऐसा केंद्र बनाना जहां पर समाज को शिक्षा ए चिकित्साए विधि सहायताए कृषि संबंधी सहायता क्रीडा सहायता आदि प्राप्त हो सके।
नाथ संप्रदाय के लोगों को संगठन में जोड़ने के लिए वर्ष में एक बार विशाल परिचय सम्मेलन कराना।
संगठन की एक वेबसाइट बनाकर संपूर्ण प्रदेश में समाज में होने वाली गतिविधियों को उसमें अपलोड कर सभी लोगों तक पहुंचाना।
नाथ संप्रदाय के सभी 52 जिलों की टेलीफोन डायरेक्टरी नाथ संप्रदाय की वेबसाइट पर अपलोड कराना।
शिक्षा क्षेत्र के लिए जन जागृति अभियान चलाकर समाज को शिक्षा के महत्व को समझाने का प्रयास कराना|
समाज में फैली कुप्रथाओं को समाप्त करने का प्रयास करना।
समाज में राजनीतिक क्षेत्र में पकड़ रखने वाले योग्य उम्मीदवारों का चयन कर विधानसभाए लोकसभाए मेयरए पार्षदए सरपंचए आदि पदों के लिए चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित करना और उनका सहयोग करना।
राष्ट्रीय राजनीतिक दलों से नाथ संप्रदाय के लिए कम से कम 20 % सीटों के लिएआरक्षण की मांग करना।
गुरु गोरख की परम्परा, फिर आगे बढ़ाना है,
अलख निरंजन महामंत्र जप, अलख जगाना है,
जब जब जग में अंधियारा, पग अपने पसारेगा,
नाथ योग वरदान बनेगा, जग को संवारेगा,
लोभ, मोह, मद, द्वेष, दम्भ, जब प्रेम को कुचलेंगे,
गुरु गोरख की कृपा से तब, नव सूर्य उदित होंगे,
आज परम "आदेश" मिला, नव ज्योति जलाना है,
गुरु गोरख की परंपरा फिर आगे बढ़ाना है।
गुरु गोरख नाथ संप्रदाय विकास संगठन मध्य प्रदेश
संगठन के उद्देश्
नाथ संप्रदाय के जनक गुरु गोरखनाथ जी के बारे में प्रचार प्रसार करना।
नाथ संप्रदाय का सर्वांगीण विकास करने का प्रयास करना ।
नाथ संप्रदाय के लोगों को संगठन का महत्व समझा कर संगठित होने के लिए प्रेरित करना।
मध्यप्रदेश में नाथ संप्रदाय आयोग और उसका एक मुख्यालय भोपाल में बनानेका मध्यप्रदेश शासन से मांग करना।
५ नाथ संप्रदाय के लोगों के लिए एक ऐसा केंद्र बनाना जहां पर समाज को शिक्षा ए चिकित्साए विधि सहायताए कृषि संबंधी सहायता क्रीडा सहायता आदि प्राप्त हो सके।
नाथ संप्रदाय के लोगों को संगठन में जोड़ने के लिए वर्ष में एक बार विशाल परिचय सम्मेलन कराना।
संगठन की एक वेबसाइट बनाकर संपूर्ण प्रदेश में समाज में होने वाली गतिविधियों को उसमें अपलोड कर सभी लोगों तक पहुंचाना।
नाथ संप्रदाय के सभी 52 जिलों की टेलीफोन डायरेक्टरी नाथ संप्रदाय की वेबसाइट पर अपलोड कराना।
शिक्षा क्षेत्र के लिए जन जागृति अभियान चलाकर समाज को शिक्षा के महत्व को समझाने का प्रयास कराना|
समाज में फैली कुप्रथाओं को समाप्त करने का प्रयास करना।
समाज में राजनीतिक क्षेत्र में पकड़ रखने वाले योग्य उम्मीदवारों का चयन कर विधानसभा,लोकसभा,मेयर,पार्षद सरपंच आदि पदों के लिए चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित करना और उनका सहयोग करना।
राष्ट्रीय राजनीतिक दलों से नाथ संप्रदाय के लिए कम से कम 20 % सीटों के लिए आरक्षण की मांग करना।
गुरु गोरख की परम्परा, फिर आगे बढ़ाना है,
अलख निरंजन महामंत्र जप, अलख जगाना है,
जब जब जग में अंधियारा, पग अपने पसारेगा,
नाथ योग वरदान बनेगा, जग को संवारेगा,
लोभ, मोह, मद, द्वेष, दम्भ, जब प्रेम को कुचलेंगे,
गुरु गोरख की कृपा से तब, नव सूर्य उदित होंगे,
आज परम "आदेश" मिला, नव ज्योति जलाना है,
गुरु गोरख की परंपरा फिर आगे बढ़ाना है।
गुरु गोरख नाथ संप्रदाय विकास संगठन मध्य प्रदेश
संगठन की प्रशासन से मांगें
नाथ संप्रदाय के जनक गुरु गोरखनाथ जी के प्राकट्य दिवस 30 अप्रैल को प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश घोषित हो।
गोरखधंधा शब्द की नाथ संप्रदाय घोर निंदा करता है जिसे मीडिया तथा राजनेता सार्वजनिक रूप से प्रयोग करते हैं इसका प्रयोग अतिशीघ्र बंद किया जाए।
नाथ संप्रदाय के लोगों के द्वारा अंतिम संस्कार के लिए जहां पर समाधि दी जाती है वहां पर समाधि स्थल उपलब्ध कराया जाए।
नाथ संप्रदाय की समाधि स्थलों पर जहां पर दबंगों द्वारा जबरन कब्जा कर लिया गया है उन्हें उनसे मुक्त कराया जाए।
नाथ संप्रदाय का मुख्य व्यवसाय मठों या मंदिरों में महंती करके पूजा.अर्चना करना है अतः जहां पर वह वर्त मान में कार्य कर रहे हैं उन्हें वहां पर स्थाई रूप से नियुक्त किया जाए और सरकारी मानदेय दिया जाए।
जिन मठों मंदिरों में महंत नियुक्त नहीं है उनमें भी नाथ संप्रदाय के लोगों को ही महंत पद पर नियुक्त किया जाए।
देश भर में प्रत्येक जिले एवं तहसील स्तर पर एक.एक सामुदायिक भवन नाथ संप्रदाय के लोगों को बना कर दिया जाए।
नाथ संप्रदाय के बालक बालिकाओं के लिए निशुल्क छात्रावासों की व्यवस्था होनी चाहिए
नाथ संप्रदाय की जनसंख्या पूरे देशभर में 18% से भी कम है इसलिए इसे अल्पसंख्यक की श्रेणी में डाला जाय।
नाथ संप्रदाय के लोग आर्थिक दृष्टि से अत्यंत पिछड़े होने के कारण रोजगार की तलाश में एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में जाते रहते हैं इसलिए वह स्थाई निवास नहीं बना पाते हैं अतः उन्हें मूल निवासी प्रमाण पत्र बनवाने में40 वर्ष से निवासरत होने की स्थिति में छूट प्रदान की जाए।
नाथ संप्रदाय की अलग.अलग क्षेत्रों में अलग.अलग उपनामों से जातियां पाई जाती हैं अतः जाति प्रमाण पत्र बनवाते समय मुख्य जाति में नाथ संप्रदाय एवं उपजाति में उसके सरनेम को मान्य किया जाए।